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आयुर्वेदिक उपचार होठों का फटना (hoth ka phathna)
सर्दियों में होठों के फटने की शिकायत एक आम बात है। यदि आधा चम्मच दूध की मलाई में चुटकी भर हल्दी का बारिक चूर्ण मिलाकर होठों परं मला जाए, तो यह शिकायत दूर हो जाती है।
यदि शुष्क वायु से होंठ फट गये हों, तो रात को सोते समय शुद्ध सरसों का तेल या गुनगुने घी को नाभी में लगाएँ। शुष्क वायु के कारण होंठों पर पपड़ी जम जाने पर रात में सोने से पूर्व बादाम रोगन लगाकर सोएँ । इससे पपड़ी दूर होकर होंठ मुलायम हो जाएँगे तथा आगे पपड़ी भी नहीं जमेगी।
प्रातः स्नान से पूर्व हथेली पर थोडा-सा मूंगफली का तेल लेकर अँगुली से हथेली में रगड़ें। फिर होंठों पर इस तेल की मालिश करें। न होंठ फटेंगे और न ही उन पर पपड़ी जमेगी।
देशी घी में नाममात्र का नमक मिलाकर होंठों और नाभि पर लगाने से होंठों का फटना बंद हो जाएगा।
ग्लिसरीन लगाने से भी होंठों का फटना बंद हो जाता है।
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