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आयुर्वेदिक उपचार बवासीर के लिए (basasir)
कागजी नींबू काटकर ५ ग्राम कत्था पीसकर नींबू में लगाकर रात को रखें। सुबह दोनो टुकड़े चूस लें, खून बंद करने के लिए बढ़िया दवा है। १५ दिन इस्तेमाल करें।
गेंदे की पत्तियाँ १० और काली मिर्च ३ ग्राम, पानी में घोटकर छानकर पीने से खूनी बवासीर का खून गिरना बंद हो जाता है। ३. प्रतिदिन शौच करते समय, शौच के बाद पानी से गुदा धोकर, स्वमुत्र से सुबह-शाम गुदा धोने से बवासीर ठीक हो जाती है।
अदरक की एक गाँठ कुचलकर एक कप पानी में डालकर उबालें, जब पानी एक चौथाई बचे, तब उतारकर ठण्डा कर लें, इसमें एक चम्मच शक्कर या मिश्री मिलाकर दिन में एक बार सुबह पीने से बवासीर रोग ठीक हो जाता है। मूली का रस एक गिलास निकाल कर इसमें शूद्ध घी की बनी १०० ग्राम जलेबी डालकर एक घंटे तक ढँक
करे रखें, फिर जलेबी खाते हुए रस पीते जाएँ, ८-१० दिन तक प्रतिदिन यह प्रयोग करने पर बवासिर हमेशा के लिए ठीक हो जाती है।
नोट- इनमें से कोई भी एक उपाय करते हुए देशी अजवाइन, जंगली अजवाइन और खुरासानी अजवाइन तीनों का कुटा हुआ महीन चूर्ण समान मात्रा में लेकर थोडे मक्खन में मिलाकर सुबह-शाम मस्सों पर लगावे और हाथी दाँत का आधा चम्मच बुरादा आग पर जला कर इसकी धुनी गुदा के मस्सों पर देने से बहुत जल्दी गुदा के मस्से बैठ जाते है और बवासीर रोग ठीक हो जाता है, यदि इन नुस्खों के सेवन और कब्ज दूर करने के उपाय करने पर भी बवासीर ठीक न हो, तो चिकित्सक से इलाज या ऑपरेशन जरुरी हो जाएगा।
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