कलयुग में उपवास का फल कम क्यों मिलता है

कलयुग में उपवास का फल कम क्यों मिलता है, मित्रों आज बात करते हैं कलयुग में उपवास का फल कम क्यों  मिलता है , जीवन भर उपवास रहकर दुखी रहने वालों के लिए यह लेख लिखा जा रहा है इसकी वास्तविक चीज को समझिए. ये ज्ञान खो गया था जिसे फिर से आप लोगों के लिए लाया गया है.

कलयुग में उपवास का फल कम क्यों मिलता है
कलयुग में उपवास का फल कम क्यों मिलता है

 

 

कलयुग में उपवास का फल कम क्यों मिलता है

 

आपने बहुत से लोग देखे होंगे जो आजीवन उपवास रखते हैं और बहुत ही ज्यादा दुखी रहते हैं उनका जीवन दुख में बना ही रहता है और परेशानी का कभी कम नहीं होती.

आज के समय में उपवास रखने वालों को फल प्राप्त तो होता है लेकिन इसका बहुत ही अल्प मात्रा में फल प्राप्त होता है, इसका कारण है कलयुग विज्ञान का युग है और वैज्ञानिक तरीके से कार्य करने के  ढंग को ही, तीव्र गति से परिणाम प्राप्त होता है.

आप पहले उपवास रखने की वास्तविक चीज को समझिए कि उपवास क्या है और किस विधि द्वारा इसकी फल की प्राप्ति होती है और इससे अधिक से अधिक फल कैसे प्राप्त किया जाए.
कलयुग में लोग जिस दिन उपवास रहते हैं दिन भर में थोड़ा नियम कर लिया और थोड़ा पूजा पाठ करके दिन भर भूखे पेट रह लेते हैं बस इतने से आपको उपवास का बहुत ही अल्प मात्रा में फल प्राप्त होता है और अल्प मात्रा में फल प्राप्त होने पर परिणाम में केवल दुख ही प्राप्त होता है भक्त को लगता है कि भगवान ने उनकी नहीं सुनी या उपवास का लाभ क्यों नहीं मिल रहा कौन सा पाप कर दिया

आप इसे भगवान श्री कृष्ण और उद्धव के ज्ञान मार्ग की चर्चा जब चल रही थी, उसके द्वारा जान सकते है, इसमें उद्धव जी ने कहा भगवान जो आज तक संसार में गुप्त है और आपने किसी के सामने प्रकट नहीं किया वह चीज मुझे बताइए कि आप कैसे प्रसन्न होते हैं, किस प्रकार भक्त जल्दी आपको प्रसन्न कर सकता है कौन सी विधि है जो आपको सबसे अधिक प्रिय है, इसमें भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि कोई भक्त बैठकर केवल मेरा चिंतन करें यहां पर कहने का अर्थ है आप बैठकर भगवान का केवल ध्यान करें यही उनको सबसे अधिक प्रिय है.
जैसे हमारे ऋषि मुनि बैठकर भगवान का ध्यान करते थे, केवल थोड़ा पूजा पाठ करके दिन भर भूखे रहने से आपको उतने पुण्य की प्राप्ति होती ही नहीं जिसका फल भगवान आपको दे सकें, तब जानिए इसकी कौन सी विधि है जिससे आपको पूरा फल प्राप्त हो.

 

जानिए उपवास का वास्तविक उद्देश्य क्या था

जब उपवास की विधि इस संसार में लाई गई, तब इसका उद्देश्य था माया मोह में फंसे हुए जीव को हफ्ते या महीने में एक दिन कम से कम भगवान को पूरा अर्पित करके अपने जीवन का कल्याण करना चाहिए, कहने का मतलब उपवास के दिन केवल भजन और मंत्र जाप ही करना चाहिए जिससे कल्याण हो.

आप उपवास हो और दिन भर फैक्ट्री और घर के काम में व्यस्त हो तब इसका पूरा फल आपको कैसे प्राप्त हो सकता है,
उपवास का वास्तविक अर्थ यही था कि व्यक्ति कम से कम एक दिन पूरा दिन भर भगवान को समय दे सके उपवास में व्यक्ति को बार-बार बाथरूम भी नहीं जाना पड़ता है जिससे उसका शरीर बार-बार दूषित नहीं होता, और पवित्र रहकर भजन या मंत्र जाप कर सके.

व्यक्ति खाली पेट रहकर दिनभर भगवान का भजन करें, यदि उपवास में आप सुबह नहा धोकर पूजा पाठ करके कम से कम 4 घंटा या 8 घंटा भगवान का भजन और मंत्र का जाप करते हैं तभी आपके उपवास का पूरा-पूरा लाभ मिल पाएगा।

उपवास का वास्तविक उद्देश्य यही था कि दिनभर पूरा समय केवल भगवान के भजन और जाप में ही दिया जाए लेकिन कलयुग में केवल भूखे पेट रहने को ही लोगों ने उपवास समझ लिया और इसका फल कम प्राप्त होने लगा और लोग दुखी रहने लगे.

यदि आपके उपवास का वास्तविक पूरा-पूरा लाभ लेना है तब आपको दिनभर भगवान का भजन करना चाहिए कम से कम 4 घंटे से 8 घंटे तभी आप उपवास के पूरे पूरे लाभ के वास्तविक अधिकारी होंगे

जिसके पास उपवास करने का समय ना हो या उसे छुट्टी ना मिल सके तब उपवास न रहकर केवल सुबह-सुबह दो-तीन घंटा भगवान का भजन या जप कर लेना चाहिए यह उपवास से ज्यादा फलदाई होगा।

जैसे मान लीजिए कोई हर मंगलवार को हनुमान जी का उपवास रहता है और केवल पूजा पाठ रहकर दिनभर भूखे पेट रहता है हनुमान जी इसका फल तो जरूर देंगे लेकिन आपको वह लाभ नहीं मिल पाएगा जो आपको चाहिए, दिन भर उपवास रहकर परेशान होने से अच्छा है कि आप सुबह 5 बजे  उठकर नहा धोकर के 108 बार या 51 बार  हनुमान चालीसा पढ़ लीजिए यह आपके उपवास से भी कई गुना ज्यादा फलदाई होगा हजारों साधकों का अनुभव है.

इसी प्रकार यदि आप हर शुक्रवार को भगवती महालक्ष्मी का उपवास रहते हैं तो दिन भर उपवास रहने की अपेक्षा हफ्ते में एक दिन 51 माला या 108 माला जाप कर लीजिए दो,तीन या चार घंटा लगेगा यह उपवास से भी ज्यादा फलदायी होगा।

इस प्रकार आप समझ गए होंगे कि उपवास का वास्तविक उद्देश्य क्या है उपवास का वास्तविक उद्देश्य है स्वच्छ और पवित्र रहकर भगवान का भजन और उनके मंत्रों का जाप करना तभी इसका लाभ पूरा मिल पाएगा आप सबको राम-राम अच्छा लगे तो शेयर करें।

 

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