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आयुर्वेदिक उपचार मोतियाबिंद के लिए (motiyabind)
मोतियाबिंद की प्रारंभिक अवस्था में शुद्ध शहद को प्रतिदिन प्रातः काल एक बूंद आँखो में टपकाने अथवा सलाई द्वारा लगाने से महीने में ही भरपूर लाभ दिखाई पडने लगेगा। इससे काले मोतियाबिंद का बचाव होगा, क्योंकी शहद से आँखो की पुतली की पारदर्शिता बढ़ती है तथा आँखो का तनाव भी जाता रहता है। शहद के नियमित प्रयोग से दृष्टि क्षीणता दूर होकर नेत्र – ज्योती बढ़ती है तथा अन्य नेत्र संबंधी विकार भी दूर हो जाते है।
सफेद प्याज का रस १० ग्राम, शुद्ध शहद १० ग्राम, भीमसेनी कपूर २ ग्राम, इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर शीशी में भर लें। रात को सोने से पहले काँच की सलाई से दोनो आँखो में लगाने से बढ़ता हुआ मोतियाबिंद शीघ्र थम जाता है। मोतियाबिंद का यह उत्तम इलाज है।
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