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आयुर्वेद उपचार ह्रदय रोग के लिए (hriday rog)
सेब का मुरब्बा ५० ग्राम की मात्रा में लें, चाँदी का वर्क लगाकर सुबह के वक्त सुवन करने से दिल की कमजोरी, दिल का बैठना आदि शिकायतें दूर हो जाएँगी। यह नुस्खा १५ दिन तक सेवन करें।
यदि आपने चार रोटी खानी हो, तो दो रोटी खाने के बाद आधा गिलास पानी में थोड़ा आँवले का रस डालकर पएं और फिर शेष दो रोटियाँ खाएँ । 21 दिन तक यह प्रयोग करे, इससे हृदय की दुर्बलता धीरे धीरे दूर हो जाती है।
कच्चे आलुओं का रस हृदय की जलन को तुरंत दूर कर देता है। मिश्री के साथ पकी हुई इमली का रस पीने से भी हृदय रोग की जलन मिट जाती है। जिनके हृदय की धड़कन अधिक बढ़ी हुई हो, तो एक कच्चा प्याज नित्य भोजन के साथ खाएँ। इससे धड़कन सामान्य हो जाएगीतथा हृदय को शक्ति मिलेगी।
पिसा हुआआँवला गाय के दुध के साथ पीने से हृदय से संबंधितसमस्त रोगों का निपटारा हो जाता है।
सूखा आंवला और मिश्री समान मात्रा में लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच फंकी रोजाना पानी के साथ लेने से हृदय के सारे रोग दूर हो जाते है।
पंद्रह ग्राम शहद में दो केले मिलाकर खाने से हृदय का रोग दूर हो जाता है। लीची उत्तम स्वास्थ्यवर्द्धक है। यह हृदय को शक्ति प्रदान करती है।
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