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नाटो क्या है nato kya hai
नाटो इस संसार का सबसे बड़ा सैनिक संगठन है जिसमें आज लगभग 30 देश शामिल है इसमें एक देश दूसरे देश में अपनी सेना भेजता है और उसे अंतरराष्ट्रीय ट्रेनिंग दी जाती है और यदि नाटो देश में शामिल किसी एक देश पर कोई देश हमला करता है तो सभी देश मिलकर उसका सामना करते हैं.
नाटो की स्थापना कैसे हुई?
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरा संसार इस बात को लेकर चिंतित में ताकि भविष्य में ऐसी युद्ध ना हो, और युद्ध को कंट्रोल करने के लिए यूएन की स्थापना हुई, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ दो देश महाशक्ति के रूप में उभरे.
- यूरोप में संभावित खतरे को देखते हुए ब्रिटेन फ्रांस बेल्जियम ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया जिसका नाम ब्रूसेल्स की संधि था, इस संधि में कहा गया कि यदि कोई भी देश संधि किए हुए देशों पर हमला करता है तो सभी देश मिलकर उसका सामना करेंगे, अब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद पश्चिमी यूरोप से सोवियत संघ ने अपनी सेनाएं हटाने से मना कर दी, और 1948 में बर्लिन की नाकेबंदी कर दी.
- इससे अमेरिका और यूरोप को लगा कि सोवियत संघ अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है और हम पर शासन करना चाहता है इसलिए अमेरिका ने ऐसे संगठन बनाने की अपील की जिससे यूरोपीय देश सुरक्षित रहे.
- इसमें अमेरिका ने 1949 को उत्तर अटलांटिक का संधि पेश किया जिसमें फ्रांस ब्रिटेन बेल्जियम लक्जमबर्ग ब्रिटेन कनाडा डेनमार्क नीदरलैंड आईसलैंड इटली नॉर्वे पुर्तगाल अमेरिका सहित 12 देशों ने इस पर साइन किया, धीरे-धीरे इसमें बहुत से देश जुड़ते गए और आज इसमें 30 देश शामिल है.
नाटो कैसे काम करती है
नाटो देश एक दूसरे को सैनिक सहायता प्रदान करते हैं, और सैनिक ट्रेनिंग भी एक दूसरे को देते हैं इसमें आधुनिक हथियारों का भी आदान-प्रदान होता है, इसमें एक देश अपने हथियार दूसरे देश में रख सकता है जैसे जितने भी नाटो देश हैं सभी देशों में अमेरिका ने अपने परमाणु हथियार स्थापित किए हैं जिस का संचालन अमेरिका स्वयं करता है और उसकी रखवाली अमेरिकी सेना करती है, इसी प्रकार नाटो देश में गुप्तचर एजेंसियां भी मिलकर काम करती हैं, इसमें शामिल देशों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान की जाती है, इसका मुख्य उद्देश्य पश्चिमी यूरोप के देशों को एक सूत्र में बांधना था और यूरोप की सुरक्षा के लिए इसे बनाया गया.
नाटो में कितने सदस्य हैं
अभी के समय में नाटो में लगभग 30 सदस्य हैं इनके नाम निम्नलिखित हैं.
Belgium, Canada, Denmark, France, Iceland, Italy, Luxembourg, the Netherlands, Norway, Portugal, the United Kingdom and the United States. The other member countries are: Greece and Türkiye (1952), Germany (1955), Spain (1982), Czechia, Hungary and Poland (1999), Bulgaria, Estonia, Latvia, Lithuania, Romania, Slovakia and Slovenia (2004), Albania and Croatia (2009), Montenegro (2017) and North Macedonia (2020)
नाटो की संरचना
नाटो की संरचना को तीन प्रकार से समझ सकते हैं.
1.सिविल संरचना
- इसमें नाटो का हेड क्वार्टर.
- नाटो में जो परमानेंट राष्ट्रीय और इंटरनेशनल स्टाफ रहते हैं.
- इसमें सैनिक कंट्रोलर और शांति दूत जो शांति स्थापना करते हैं वह भी इसम रहते हैं.
- साइंस और डिफेंस एजेंसी जो नाटो के लिए काम करती है और एंटी टेररिज्म में भाग लेती है.
- इसमें डिफेंस की पॉलिसी और प्लानिंग लॉजिस्टिक से सामान लेकर के जाना और आना और सिविल इमरजेंसी प्लानिंग रहती है.
- इसमें डिटेल्स के क्षेत्र में जो इन्वेस्टमेंट होना है और कितना होना है और किस प्रकार चाहिए और कैसा होगा इस चीज को ध्यान में रखा जाता है.
- पब्लिक के साथ डिप्लोमेसी भी की जाती है जैसे पब्लिक के साथ इनका कोई बड़ा ऑफिसर प्रेस मीटिंग करता है और नाटो के बारे में बताता है.
- नए एग्जीक्यूटिव होते हैं उनको मैनेजमेंट सिखाया जाता है और जो ज्वाइंट ऑपरेशन होते हैं उसके बारे में ट्रेनिंग दी जाती है
2.मिलिट्री संरचना
- जैसे कि नाम से ही पता है इसमें मिलिट्री के सारे ऑपरेशन और हर एक चीज के बारे में बताया जाता है और समझाया जाता है,इसमें इंटेलिजेंट ऑपरेशन प्लान पॉलिसी और हेड क्वार्टर की स्टाफ और जो बड़े-बड़े मिलिट्री ऑफिसर होते हैं इनके कमांडिंग ऑफिसर को भी इसमें समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है.
- जॉइन एयर फोर्स कमांड जो हर देशों में जाकर एयर फोर्स, ट्रेनिंग देती है, इस समस्या में मिलिट्री संबंधित सभी रखरखाव आदि सिखाए जाते हैं.
- नौसेना संबंधित सभी कार्य की जानकारी रखी जाती है और समय-समय पर इस में क्या बदलाव किया जाए और समय-समय पर जो आधुनिक तकनीक आती है उसको यह लोग समय-समय पर उसका यूज़ करते हैं.
- नाटो के ट्रेनिंग ग्रुप और ट्रेनिंग स्कूल भी शामिल है और सैनिक हेड क्वार्टर भी शामिल है.
- नाटो की मिलिट्री संबंधी जानकारी, बहुत कुछ गुप्त रूप से रखी जाती है जो बड़े-बड़े देशों को मालूम रहती है और नाटो की बहुत सी जानकारी दुनिया से छुपा कर रखी जाती है जिससे नाटो एक सुरक्षित संगठन बना रहे.
3.ऑर्गनाइजेशन और एजेंसी-
- इसमें ऑर्गेनाइजेशन के रूप में जो इसके सदस्य देश है वह काम करते हैं एजेंसी के रूप में जो सदस्य देशों की बड़ी-बड़ी टीम है उस टीम के सदस्य बाकी दूसरे नाटो देश के सदस्यों के साथ मिलकर एक टीम का निर्माण करते हैं जिसे एजेंसी कहते हैं.
- मान लीजिए फ्रांस की कोई गुप्तचर एजेंसी है, इसी प्रकार हर देश की गुप्तचर एजेंसी से कुछ एक्सपर्ट लोगों को लिया जाता है और एक नाटो एजेंसी का निर्माण किया जाता है.
- इसी प्रकार इसमें जो जो एजेंसी काम करती है वह इस प्रकार है, इसमें सिविल इमरजेंसी प्लानिंग जैसे कि युद्ध के समय लोगों को संभालना.
- साइंस एंड टेक्नोलॉजी और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के एजेंसी का काम करती हैं.
- इसमें हर प्रकार की अलग-अलग टीम बनाई जाती है जो अलग-अलग एजेंसी के रूप में काम करती है जैसे अगर war हुआ तो खाने में क्या दिया जाएगा, फूड सप्लाई सैनिक स्वास्थ्य आदि सभी बातों की जानकारी दी जाती है.
नाटो के क्या प्रभाव हुए
- नाटो के प्रभाव के बाद अमेरिका इसका मुख्य सदस्य बन गया है और इसका सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका को हुआ और अमेरिका एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा.
- धीरे-धीरे जहां-जहां जो जो देश नाटो में शामिल होते गए उन पर एक प्रकार से अमेरिका का दबदबा बनता गया, क्योंकि उन सभी देशों में अमेरिका ने अपने मिलिट्री बेस बना के रखे हैं और परमाणु बम भी रखा है.
- नाटो के बनने से यूरोपीय देश ज्यादा सुरक्षित हो गए हैं.
- नाटो के बनने से अब युद्ध के समय यूरोपीय देश को ज्यादा सुरक्षा मिलता है.
- नाटो के गठन के बाद सोवियत संघ पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ा और सोवियत संघ ने इसे एक विरोध के रूप में लिया, क्योंकि नाटो का निर्माण करना सोवियत संघ के प्रभाव को कम करने के लिए भी बनाया गया था.
नाटो महासचिव कि चुनाव कैसी होती है?
नाटो के महासचिव के चुनाव के लिए सबसे पहले नाटो संगठन में जो देश शामिल हैं उन देशों से मुख्य राजनीतिक व्यक्तियों को चुना जाता है, इसमें ऐसे व्यक्ति को लिया जाता है जो मिलिट्री संबंधी भार को भी संभाल सके, और उनमें से कुछ सदस्यों को लेकर उसका चुनाव किया जाता है, इस समय नाटो के सचिव, mr. Jens stoltenberg हैं.
नाटो का मुख्यालय?
नाटो का मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स में स्थित है
क्या पाकिस्तान नाटो का सदस्य है?
नहीं पाकिस्तान नाटो का सदस्य नहीं है
क्या भारत नाटो का सदस्य बन सकता है?
नहीं भारत नाटो का सदस्य नहीं बन सकता है, इसका सबसे बड़ा कारण रूस और भारत का आपसी मित्रता है, और मान लीजिए नाटो ने किसी पर भी हमला कर दिया तो भारत को भी हमला करना पड़ेगा, जबकि भारत एक शांतिप्रिय देश है जो जबरन का किसी से लड़ना नहीं चाहता.
नाटो का पूरा नाम?
North Atlantic Treaty Organization
नाटो में शामिल सभी देशों से सैनिक मिलकर जो काम करते है उसे नाटो सेना बोलते है.
सोवियत संघ क्या है?
रूस को ही सोवियत संघ बोला जाता है, ये पहले बहुत बड़ा था, 2nd वार्ड वॉर के बाद अमेरिका ने अपना प्रभाव बनाने के लिए, इसको धीरे धीरे अलग करना चालू किया, आर्थिक मंदी से से भी सोवियत संघ पर प्रभाव पड़ा और ये कई देशों में टूट गया, तब से रूस और अमेरिका के बिच संघर्ष है.
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