pathgyan .com में आपका आपका स्वागत है इस लेख में हम लोग जानेंगे कि वैश्वीकरण क्या है इसके लाभ और हानि यह क्यों बना, और इसके कारण क्या है.
वैश्वीकर का अर्थ
- वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सभी देशों को व्यापारिक रूप से एक किया जाता है, जैसे सभी देश आसानी से एक दूसरे से जुड़ जाए और आसानी से व्यापार कर सकें, वैश्वीकरण में संस्कृति का आदान-प्रधान विज्ञान और तकनीकी आदि भी किया जाता है. वैश्वीकरण की कोई फिक्स परिभाषा तो नहीं है, सामान्य अर्थों में वैश्वीकरण का अर्थ है भौगोलिक दूरियों की समाप्ति या भौगोलिक दूरी का बहुत ही कम हो जाना है या ऐसे मार्ग का निर्माण कर लेना जिससे दूरी कम हो जाए.
- वैश्वीकरण से दुनिया भर में लोगों और कंपनियों के बीच जो दूरी है उसको कम करना और विश्व स्तर पर घट रही घटनाओं को एक ही मंच पर लाना जिसमें राजनीतिक सामाजिक आर्थिक तकनीकी आदि होता है, वैश्वीकरण का अधिकतर उपयोग व्यापार करने में और संस्कृति के आदान-प्रदान में और तकनीकी में हुआ है.
वैश्वीकरण का कारण
- वैश्वीकरण के अर्थ को समझने के लिए इसके कारण को जानना बहुत जरूरी है इसका एक बहुत बड़ा कारण है विज्ञान और तकनीकी का विकास जिससे सभी देश एक दूसरे के पास आए.
- कंप्यूटर इंटरनेट ने लोगों के बीच की दूरियां मिटा दी
- विश्व की सभी देश व पर्यावरण और आतंकवाद और अन्य सभी समस्या के लिए एक दूसरे के करीब आते हैं यह भी एक बड़ा कारण है जो पहले नहीं था.
- वैश्वीकरण को बढ़ावा देने के लिए हर देश की सरकार सामने आ रही है और इसमें बहुत सी प्राइवेट एजेंसी भी काम कर रही है.
- समय के साथ लोगों की मांग बढ़ गई है और हर वस्तु का निर्माण हर देश में संभव नहीं इसीलिए वैश्वीकरण की मांग बढ़ गई
- अब लोगों का जीवन स्तर पहले से ऊंचा उठ गया है इस जीवन को ऊंचा उठाने के लिए वैश्वीकरण बहुत जरूरी था जिससे एक जगह का समान दूसरी जगह से आसानी से पहुंच जाए और लोगों को आसानी से चीज उपलब्ध हो जिनसे उनका जीवन स्तर ऊंचा हो.
वैश्वीकरण कब बना
वैश्वीकरण धीरे-धीर प्राचीन काल से विकसित हुआ है, प्राचीन काल से लोग नए-नए खोजों के लिए ज्ञान और व्यापार के लिए एक जगह से दूसरी जगह लोग आना-जाना करते थे यहीं से वैश्वीकरण का निर्माण हुआ, वैश्वीकरण औद्योगिक क्रांति के समय बहुत तेजी से विकास हुआ.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्वीकरण बहुत तेजी से बड़ा क्योंकि युद्ध से सभी देशों को बहुत नुकसान हुआ था और सभी को तरक्की कर व्यापार करना था.
वैश्वीकरण क्या है इसके लाभ
मित्रों वैश्वीकरण क्या है इसको जानने के बाद जानिए वैश्वीकरण के लाभ क्या है
- वैश्वीकरण से एक देश एक दूसरे के पास आ गए हैं ऐसे दूरियां कम हो गई है और व्यापार आप पूरे संसार में कर सकते हैं.
- वैश्वीकरण से व्यापार में वृद्धि हुई है इससे लोगों को रोजगार मिला है अब व्यापार व्यापक तौर पर होता है.
- इसमें विकास हेतु नए-नए व्यापार के माध्यम बनते जाते हैं.
- एक जगह अविष्कार की हुई, कोई भी वस्तु पूरे विश्व तक तुरंत पहुंच जाती है इससे सभी को लाभ होता है.
वैश्वीकरण के उद्देश्य
अंतर्रष्ट्रीय सहयोग
वैश्वीकरण का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग था जिससे देश एक दूसरे के पास आए कमजोर देश और शक्तिशाली देश एक दूसरे के पास आए और आपसे व्यापार टेक्नॉलॉजी आदि बढ़ाकर एक दूसरे के विकास में सहयोग प्रदान किए,
इसमें एक देश दूसरे देश को सहयोग देकर अपने सीमा के अंदर व्यापार से संबंधित कार्य करने की अनुमति प्रदान करता है
लोगों का आर्थिक विकास
वैश्वीकरण का प्रमुख उद्देश्य लोगों का आर्थिक विकास करना था और आर्थिक विकास की असमानता ओं का दूर करना था विकासशील और देशों के बीच की जो दूरियां है उसको कम करना था,
सांस्कृतिक
वैश्वीकरण का प्रमुख उद्देश्य सांस्कृतिक दी है समय के साथ सभी देशों को लगा कि हर देश की संस्कृति अलग अलग है और संस्कृति का आदान-प्रदान समय के साथ जरूरी है, इससे लोगों में भाईचारे की भावना विकसित होगी और प्राकृतिक आपदा आने पर देश एक दूसरे को आर्थिक और मानवीय सहायता प्रदान करने लगे यह भी वैश्वीकरण का एक बहुत बड़ा उद्देश्य था
तकनीकी
हर देश के पास अपनी अपनी तकनीकी थी कोई किसी तकनीक में आगे-आगे था तो किसी और तकनीक में इसी प्रकार हर देश की अपनी अपनी तकनीकी अलग-अलग क्षेत्र में बहुत अधिक विकसित थी वैश्वीकरण का उद्देश्य एक दूसरे की तकनीकी का आदान प्रदान करके तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ़ना था.
राजनीतिक प्रभाव
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हर देश लगभग नष्ट हो चुके थे सबको बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था उसके बाद हर देश ने सोचा कि युद्ध समस्या का हल नहीं है और इससे कोई भी सुखी नहीं होने वाला है इसलिए एक दूसरे के करीब जाने के लिए एक रास्ता एक माध्यम चाहिए था वैश्वीकरण के कारण राजनीतिक सत्ता एक दूसरे के करीब आई जिससे एक दूसरे देश के राजनीतिक प्रभाव राजनीति प्रक्रिया आदि के बारे में आदान-प्रदान का मौका मिला
वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव
वैश्वीकरण का आर्थिक स्थिति बहुत ही अच्छा रहा वैश्वीकरण के अस्तित्व में आने के बाद वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई एवं विश्व के सभी देशों के लोगों के जीवन स्तर में बहुत सुधार आया इसमें विश्व व्यापार संगठन, और भी अन्य जितने भी सरकारी प्राइवेट संगठन है उन लोगों ने भी बहुत सहयोग प्रदान किया जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार का संतुलन बना रहे
वैश्वीकरण का प्रभाव हर देश पर अलग-अलग देखा गया क्योंकि हर देश की कार्यक्षमता अलग अलग थी वैश्वीकरण के कारण में शुरू शुरू में जो बड़े देश से उनको बहुत लाभ हुआ और छोटे देशों को नुकसान भी हुआ लेकिन अब सभी को लाभ मिल रहा है.
वैश्वीकरण का राजनीतिक प्रभाव
- वैश्वीकरण का राजनीतिक प्रभाव सबसे ज्यादा छोटे देशों में देखा गया है, इससे कई बार छोटे देश बड़े देशों के प्रभाव में आ गए.
- इससे लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठा, लेकिन इससे विकसित देश दूसरे देशों को राजनीति प्रभाव में लेने लगे.
- वैश्वीकरण के कारण कई देश अपने क्त्र तक सीमित रहेगा और बड़े-बड़े देशों ने अपने कारोबार बहुत ज्यादा बढ़ा लिए.
- वैश्वीकरण के कारण में कुछ देशों की शक्तियों में वृद्धि हुई और उनका अधिकार क्षेत्र भी बढ़ गया, आज जो देश जितना आर्थिक संपन्न है वह उतना ही बड़ा माना जाता है, इसका सबसे बड़ा कारण वैश्वीकरण है
वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव
के कारण लोगों का सांस्कृतिक प्रभाव बहुत असर पड़ा है वैश्वीकरण ने लोगों की सांस्कृतिक भावनाओं को और सांस्कृतिक रहन-सहन को बहुत बदल दिया है लोग एक दूसरे के प्रभाव में आकर अब अपने अपने तरीके से संस्कृति को अपने अपने तरीके से चेंज करने लगे हैं
वैश्वीकरण का श्रमिकों पर प्रभाव
हर देश एक दूसरे करीब आ गए इससे सभी का व्यापार भी एक दूसरे की करीब आया, जिसके कारण व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई, तकनीकी के क्षेत्र में आगे था वह सस्ते दरों पर माल बनाकर अपना व्यापारिक अधिकार स्थापित करता गया, इससे वहां के स्थानीय मजदूरों की मजदूरी कम हो गई और वहां के स्थानीय मजदूर बेकार हो गए, इससे उनका जीवन स्तर प्रभावित हुआ और पलायन की समस्या भी नई-नई रूप लेती गई और संस्कृति में भी बदलाव आया
वैश्वीकरण के नुकसान
वैश्वीकरण क्या है,के साथ इसके नुकसान को भी समझिए
बेरोजगारी में वृद्धि
वैश्वीकरण से तकनीकी का विकास बहुत ही तेजी से हुआ है जिससे जो व्यापारिक समान बनते थे अब वह पूर्णता ऑटोमेटिक और डिजिटल मशीन से बनने लगे जिससे भारी मात्रा में बहुत अधिक माल तैयार हुआ जो मशीनों से तैयार हो जाता था जिसमें मजदूर बहुत ही कम लगते थे और इसमें जो शक्तिशाली और संपन्न देश थे वह अपने तकनीकी का प्रयोग करके बहुत भारी माल का निर्माण कर देते थे जिससे सस्ते स्तर पर अपने माल को वह पूरे विश्व में भेज सकें इससे छोटे और विकसित और गरीब देश में रोजगारी में वृद्धि हुई.
अंतरराष्ट्रीय कानून
आज वैश्वीकरण के कारण अंतरराष्ट्रीय कानून व्यापारिक संबंध में अंतरराष्ट्रीय कानून बहुत ही कठोर बनाए गए हैं आज बड़े बड़े देश बड़ी बड़ी कंपनियां किसी भी छोटे लोगों जो कमजोर है उनके उत्पाद को अपने नाम पर पेटेंट करा कर मनमाने ढंग से बेचती है जिसके कारण उसके कीमत में वृद्धि होती है और मनमाना लाभ यह कंपनियां कमाती है.
इसमें जो देश व्यापार के क्षेत्र में आगे हैं वह मनमाना टैक्स भी अपने देश में लगा देता है जिससे उस देश में बाहर के लोग अपना व्यापार कम कर सकें ऐसा आज के समय में बड़ा बड़ा देश एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं
अंतरराष्ट्रीय दबाव
अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है जैसे आज के समय में भारतीय मजदूर कम मजदूरी में भी विदेशों में काम करने पर मजबूर हैं वह देश जानते हैं कि यह लोग कम पैसे में भी काम करेंगे जबकि उसी काम के लिए उसी देश में रहने वाले मजदूरों को ज्यादा रुपए दिए जाते हैं, और इस हमारे देश की सरकार भी कुछ नहीं कर सकती.
उनकी अंतरराष्ट्रीय दबाव इतना ज्यादा है की लैटिन अमेरिका और अफ्रीकन देश से भी सस्ते मजदूर मिल जाते हैं, इससे अमीर और अमीर, गरीब और गरीब बढ़ते जा रहा है.
आर्थिक असंतुलन
आज वैश्वीकरण से संपूर्ण संसार में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो रही है गरीब देशों पर अमीर देश हावी होते जा रहे हैं गरीब देश और गरीब और अमीर और अमीर बढ़ते जा रहे हैं और गरीबी और अमीरी के बीच में जो खाई है वह बढ़ती ही जा रही है.
आज के समय में बड़ी-बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों का एकाधिकार स्थापित हो गया है.
गृह उद्योग देसी उद्योग का पतन
वैश्वीकरण के कारण कई देशों के स्थानीय व्यापार धीरे-धीरे बंद हो चुके हैं क्योंकि विदेशी उत्पादों के मुकाबले उनके जो माल बनते हैं वह कम क्वालिटी के होते हैं और विदेशी माल ज्यादा सस्ता होते हैं जिससे कई उद्योग धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं और बहुत सारे देसी उद्योग तो हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.
प्रश्न उत्तर
वैश्वीकरण कितने प्रकार के होते है?
मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक
वैश्वीकरण का मुख्य कारण क्या है?
इसका मुख्य कारण आर्थिक, तकनीक, सामाजिक और राजनीतिक है.
भारत में वैश्वीकरण की प्रक्रिया कब शुरू हुई?
भारत में वैश्वीकरण की प्रक्रिया 1991 में शुरू हुई
वैश्वीकरण के चार प्रभाव कौन कौन से हैं?
आर्थिक, तकनीक, सामाजिक और राजनीतिक है
वैश्वीकरण से भारत को क्या लाभ हुआ?
व्यापार में वृद्धि, नए बिज़नेस की मांग, रोजगार वृद्धि, तकनीकी विकाश
वैश्वीकरण की शुरुआत कहाँ हुई?
स्पेन और पुर्तगाल से
वैश्वीकरण कैसे काम करता है?
आर्थिक, तकनीक, सामाजिक और राजनीतिक के आधार पर, और समय के मांग के हिसाब से.
वैश्वीकरण का नाम क्या है?
भूमण्डलीकरण या विश्वव्यापीकरण बोलते है.
वैश्वीकरण के 4 आयाम क्या हैं?
आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, और पारिस्थितिकी
वैश्वीकरण के तत्व क्या हैं?
वस्तु और सेवा का आदान प्रदान वो भी अपनी सीमा से परे जाकर।
भारत में वैश्वीकरण क्यों हुआ?
रोजगार, व्यापार में वृद्धि, तकनीकी विकास, राजनैतिक प्रभाव, समय की मांग के कारण
वैश्वीकरण का निष्कर्ष क्या है?
इसमें एक देश के व्यापार को सम्पूर्ण विश्व के साथ जोड़ा जाता है.
वैश्वीकरण का संबंध बनाने वाले कारक कौन से हैं?
व्यापार में वृद्धि, नए बिज़नेस की मांग, रोजगार वृद्धि, तकनीकी विकास
राजनीतिक वैश्वीकरण क्या है?
सभी देशों का एक ही मंच पर राजनीती आदान प्रदान और मित्रता आदि का आपसी सहयोग स्थापित करना।
भारत में वैश्वीकरण किसने किया?
1980 में राजीव गांधी द्वारा किया गया था.
वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है?
व्यापार में वृद्धि, नए बिज़नेस की मांग, रोजगार वृद्धि, तकनीकी विकास
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