मानसिक दक्षता का क्या महत्व है 

मानसिक दक्षता का क्या महत्व है , ऐसा कोई शायद यह मनुष्य होगा, जिसे अपने जीवन में कारोबार चलाने में अपने दिमाग का उपयोग न करना पड़ता हो 

 

मानसिक दक्षता का क्या महत्व है 
मानसिक दक्षता का क्या महत्व है

 

मानसिक दक्षता का क्या महत्व है 

शरीर और मन मनुष्य पर बहुत ही प्रभाव डालते हैं और जब यह एक दोनों एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं तब व्यक्ति का जीवन ज्यादा सफल होता है, मन और शरीर में मन का ज्यादा महत्व है, क्योंकि यदि मन दूषित होता तो शरीर स्वस्थ रह पाना मुश्किल हो जाएगा. 

मन यदि अच्छा हो तब अच्छे मन के द्वारा व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ रखकर दीर्घायु भी प्राप्त कर सकता है, मन शरीर का राजा है, और उन्नति के शिखर पर संसार में वही जातियां पाई जाती हैं जिन्होंने अपने सदस्यों के मन को बहुत ही विकसित किया है 

इस प्रकार व्यक्तिगत जीवन में साधारण वही लोग अधिक सफल और निपुण हो पाते हैं जिन्होंने अपने दिमाग को ऊंचे दर्जे तक तरक्की प्राप्त की है अच्छी तरह सूचित और प्रवीण मन ही दुनिया में सबसे अधिक उपयोगी संपत्ति है. 

एक विकसित मन का मुकाबला धन भी नहीं कर सकता प्रत्येक देश प्रत्येक व्यापार तथा प्रत्येक पेशा में ऐसा व्यक्ति अपने कार्य क्षमता को अच्छे से कर पता है और हर प्रकार की सफलता को प्राप्त कर पाता है.

एक विकसित और अच्छा मन ही विद्यार्थी साहित्य वैज्ञानिक अध्यापन और व्यापार शिल्प कला दस्तकारी आदि सभी काम धंधा में अधिक क्षमता के साथ कर सकता है 

मानसी की दक्षता प्राप्त करने के फल स्वरुप विद्यार्थी न केवल पढ़ी लिखी हुई सामग्री को ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकता है और याद रख सकता है बल्कि अपने काम को करने में कम समय लगता है और बचाए हुए समय को दूसरे काम में लगा सकता है

इसी प्रकार मानसिक दक्षता प्राप्त करके व्यक्ति किसी भी चीज को अधिक समय तक याद रखना और किसी भी चीज को समझना और अपने मानसिक दक्षता प्राप्त करके मन पर नियंत्रण करना आदि चीजों को प्राप्त कर सकता है 

हर प्रकार की सफलता सबसे पहले विचार में उत्पन्न होती है किसी भी कार्य को आरंभ करने के पहले जो एक विचार प्रस्तुत होता है अतः जो मानसिक दक्षता है जिनमें ज्यादा है वह इस चीज को अच्छे से कर सकते हैं इसी प्रकार मानसिक कार्य क्षमता ही हर प्रकार के सफलता का आधार मानी जा सकती है प्रत्येक उच्च प्रकार के कार्य प्रणाली में यह बहुत ही लाभदायक है 

मानसिक दक्षता प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है और इसे प्राप्त करके वह अपने समाज और देश के लिए बहुत ही अच्छा काम कर सकता है 

जैसे बिजनेस या सामाजिक जीवन में मनुष्य एक ही बात को सोचता है कि उसने क्या तरक्की की क्या पैसा कमाया जबकि इसके लिए मानसिक दक्षता का होना बहुत ही जरूरी है 

किसी भी कार्य का कोई भी मूल्य हो सकता है लेकिन यदि आपके पास मानसिक दक्षता है तो यह एक अमूल्य है क्योंकि आप इसका प्रयोग करके बहुत ही अच्छा कार्य कर सकते हैं 

 

क्या मानसिक दक्षता से उन्नति संभव है 

यहां कुछ लोग यह आपत्ति कर सकते हैं कि भाई मानसिक दक्षता के महत्व में संदेह ही किसको है इसे तो हम सभी जानते हैं और समझते हैं पर मानने और समझने से ही क्या कोई अपनी योग्यता बढ़ा सकता है क्या ईश्वर की प्रदान की हुई मानसिक शक्तियों की संपत्ति को बढ़ाना संभव है 

क्या मनोविज्ञान कोई ऐसा महामंत्र ढूंढ निकाला है जिसके द्वारा अल्प विकसित भी बुद्धिमान बनाया जा सके थोड़े से शब्दों में इन प्रश्नों का उत्तर यह है की जन्म से प्राप्त मानसिक संपत्तियों को बढ़ाने के लिए कोई व्यक्ति अभी तक तो मनोविज्ञान आचार्य नहीं खोज पाए परंतु उनके प्रयोग से या निश्चित रूप से यह सिद्ध होता है कि मस्तिष्क से काम लेने का सही और गलत तरीके होते हैं और एक मनुष्य मानसिक शक्तियों चाहे कुछ भी हो उनकी व्यवहारिक उपयोगिता और उनके कार्य क्षमता में बहुत हद तक वृद्धि की जा सकती है 

मानसिक दक्षता में उन्नति को मानकर ही इसको व्यावहारिक रूप में लाया जा सकता है और अपनी मानसिक क्षमताओं को बढ़ाया जा सकता है मनोवैज्ञानिक कभी तक दावा नहीं किया कि वह किसी नए दिमाग को जन्म दे सकता है पर इतना अवश्य है जितना भी कुछ मस्तिष्क किसी के पास है उसमें काम लाने की और उससे अधिक फल प्राप्त करने की उत्तम विधि का सुझाव कर सकता है इस बात को जानकर किसी को निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि मनोविज्ञान के विचित्र अनुसंधानों में यह है कि अधिकांश मनुष्य शायद ही कभी अपनी शक्तियों के 10% भाव का भी उपयोग करता है., 

विभिन्न व्यक्तियों द्वारा प्राप्त की हुई सफलता में जो अंतर देखने में आते हैं वह उनके जन्म प्राप्त योग्यता में अंतर के कारण उतने नहीं होते जितने इस कारण से के प्रत्येक व्यक्ति किस ढंग से और किस हद तक अपने स्वभाव स्वाभाविक योग्यता को काम में लाता है 

अधिकतम देखने में बहुत से लड़के लड़कियों को देखोगे तो जन्म से उनकी योग्यता में कोई ज्यादा अंतर दिखाई नहीं देता लेकिन उनमें तरक्की में जब अंतर ढूंढते हैं तो यह अंतर बहुत बढ़ जाता है यह इसीलिए क्योंकि वह अपने मानसिक दक्षता को बढ़ाकर धीरे-धीरे सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं 

दिमागी ताकतों के आधार पर कहा जाए तो मनुष्य ना तो बहुत छोटा है और ना ही बड़ा लेकिन मनुष्य अपने आप को मानसिक दक्षता के आधार पर छोटा और बड़ा जरूर कर सकता है 

इस प्रकार कहा जा सकता है कि व्यक्ति मानसिक दक्षता को प्राप्त करके आगे बढ़ सकता है, मानसिक दक्षता के संबंध में आगे लेख लिखा जाएगा इसमें कहा गया है कि मानसिक दक्षता का क्या महत्व है.

 

 

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