आयुर्वेदिक उपचार गला बैठना (gala baithna)

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आयुर्वेदिक उपचार गला बैठना (gala baithna)
आयुर्वेदिक उपचार गला बैठना (gala baithna)

 

आयुर्वेदिक उपचार गला बैठना (gala baithna)

यदि सर्दि-जुकाम के कारण गला बैठ गया हो, तो रात को सोते समय पाँच-छह काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जाएँ। यदि बताशे ना हो, तो मिश्री का प्रयोग करना चाहिए। इन्हें चबाकर धीरे-धीरे चूसते रहने से गला खुल जाता है।

 

काली मिर्च १० ग्राम, मिश्री १० ग्राम और मुलहठी १० ग्राम इन्हें पीसकर, छानकर बारीक चूर्ण बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम एक-एक चम्मच शहद के साथ सेवन करने से बैठी हुई आवाज खुल जाती है तथा पहले से भी अधिक सुरीली हो जाती है

 

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4 thoughts on “आयुर्वेदिक उपचार गला बैठना (gala baithna)”

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