यकृत-रोग ( लीवर ) का अनुभूत प्रयोग (liver ka badna)

pathgyan.com में आपका स्वागत है,यकृत-रोग ( लीवर ) का अनुभूत प्रयोग (liver ka badna) सर्वसाधारणके लिये, वह चाहे ग्रामीण क्षेत्रका हो या शहरी क्षेत्रका, अमीर हो या गरीब सभीके लिये निरापद – रूपसे प्रयोग किये जा सकनेवाले तथा आसानीसे अल्प मूल्यमें घरेलू साधनोंसे तैयार हो जानेवाले कुछ उपयोगी प्रयोग यहाँ प्रस्तुत हैं। ये प्रयोग कई बारके अनुभूत हैं । पाठकगण इन्हें प्रयोग कर लाभ उठा सकते हैं.

 

यकृत-रोग ( लीवर ) का अनुभूत प्रयोग (liver ka badna)

यकृत्-रोग ( लीवर ) – नागफनी थूहरका कच्चा गूदा लगभग १ तोलाकी मात्रा ( १० ग्राम) ३ से ५ दिनक प्रातः नित्य खिलानेसे बच्चोंका बढ़ा हुआ लीवर ७-८ दिनमें ठीक हो जाता है। खटाई एवं गरिष्ठ पदार्थ न दे।

 

यकृत-रोग ( लीवर ) का अनुभूत प्रयोग share this***

 

 

Read more***

वातगुल्म (पेट में गांठ) रोग के बारे में जानकरी और उपचार (pet me gath)

 

 

Leave a Comment