पहले के समय में शादी में और त्योहारों में पत्तल पर भोजन क्यों कराया जाता था

मित्रों जानते है, पहले के समय में शादी में और त्योहारों में पत्तल पर भोजन क्यों कराया जाता था, बहुत से लोग बोलेंगे इतना सारा थाली कहां से लाएंगे, यह बात भी सही है, लेकिन इसका वास्तविक कारण कुछ भी था.

पहले के समय में शादी में और त्योहारों में पत्तल पर भोजन क्यों कराया जाता था
पहले के समय में शादी में और त्योहारों में पत्तल पर भोजन क्यों कराया जाता था

 

पहले के समय में शादी में और त्योहारों में पत्तल पर भोजन क्यों कराया जाता था

पहले के समय में पत्तल का प्रयोग शुद्धता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए किया जाता था, जो थाली होती है वह बार-बार धुलती रहती है और उसमें बार-बार खाना खाया जाता है.

लेकिन कोई भी मेहमान शादी में या त्योहार में भोजन करने आता था तब उस मेहमान को एक ऐसी थाली जिसमें किसी ने भोजन न किया हो जो ज्यादा शुद्धता के साथ हो, इसके विकल्प के रूप में पत्तल का प्रयोग किया जाता था.

क्योंकि इतने सारे मेहमान को नई थाली में भोजन कराना और फिर से यदि कोई उत्सव होगा तो फिर से नई थाली लाना यह बहुत ही कठिन हो जाता था, इसका एक ही विकल्प था की पत्तल में भोजन कराया जाए जो शुद्ध भी होगा और नया भी होगा.

आप सभी ने देखा होगा आज भी देवी देवताओं को पत्तल में प्रसाद और भोजन चढ़ाया जाता है, क्योंकि पत्तल एक ऐसा थाली के रूप में प्रयोग होता है जो पहली बार होता है जिसमें किसी ने भोजन नहीं किया, इसलिए शुद्धता और पवित्रता बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाता था.

Other Fact

  1. पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व: पत्तल पर भोजन करना एक पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रथा थी जो पीढ़ियों से चली आ रही थी। यह एक तरीका था जिसमें लोग अपने पूर्वजों की परंपराओं को जीवित रखते थे और अपनी संस्कृति को बनाए रखते थे।
  2. स्वच्छता और स्वच्छता: पत्तल पर भोजन करने से भोजन की स्वच्छता और स्वच्छता बनी रहती थी। पत्तल को साफ करना आसान था और यह भोजन को साफ और स्वच्छ बनाए रखता था।
  3. प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल: पत्तल पर भोजन करना एक प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल तरीका था। पत्तल को पेड़ों से प्राप्त किया जाता था और यह प्राकृतिक रूप से विघटित हो जाता था, जिससे पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता था।
  4. आर्थिक और सामाजिक कारण: पत्तल पर भोजन करना एक आर्थिक और सामाजिक कारण भी था। पत्तल की कीमत कम थी और यह सभी वर्गों के लोगों के लिए सुलभ था। इससे समाज में समानता और एकता की भावना को बढ़ावा मिलता था।
  5. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व: पत्तल पर भोजन करना एक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखता था। यह एक तरीका था जिसमें लोग अपने देवताओं और पूर्वजों को सम्मान देते थे और अपनी आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध बनाते थे।

 

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12 thoughts on “पहले के समय में शादी में और त्योहारों में पत्तल पर भोजन क्यों कराया जाता था”

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