आपके विचार पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं

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आपके विचार पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं
आपके विचार पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं

 

आपके विचार पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं

मित्रों आप सभी जानते हो की पारस पत्थर क्या है और पारस पत्थर के बारे में सुना होगा की पारस पत्थर एक ऐसी प्रकार का चमत्कारी पत्थर है जिसके द्वारा किसी भी लोहे को सोने में परिवर्तित किया जा सकता है

पारस पत्थर के पीछे बहुत सी कहानी लिखी गई और बहुत से लोगों ने इसको खोजने में अपना जीवन भी बर्बाद कर दिया, कुछ लोगों ने इसको सही कहा कुछ लोगों ने इसको गलत कहा आज हम जानेंगे कि आपके विचार किस तरह पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं और आप अपने विचार को पारस पत्थर की तरह कर सकते हो जो आपको मूल्यवान चीज प्रदान कर सके.

कोई भी व्यक्ति जो जैसा बाहरी दिखता है या जो वह अंदर से है वह अपने विचारों के कारण ही है क्योंकि विचार से वह कर्म करता है और उसी के अनुसार वह बन जाता है जैसे एक मकान बनाने वाला कारीगर जो एक सुंदर मकान बनाता है वह कारीगर के विचार का फल है भले उसको किसी और ने बनवाया हो लेकिन बनाया तो उसने है तब उसका जो टैलेंट काम आया है वह उसके विचार का फल है

इसी प्रकार बगीचे और बड़ी-बड़ी चीज जो भी आदि बनती है वह मनुष्य के विचार का फल है इसी प्रकार आप जान सकते हैं कि विचार कितना शक्तिशाली है.

यदि आपको डर लगेगा या आप मन में ऐसा सोचेंगे कि इस संसार में कितने दुख निर्धनता गरीबी आदि है जैसे आज बहुत धूप है अरे यह धूप में आपको कुछ हो ना जाए बारिश ज्यादा हो गई ठंड ज्यादा हो गई आदि आदि.

कोई व्यक्ति सोचता है कि वह बीमार रहता है और बीमार ही रहेगा इस प्रकार उसके सोचने से उसके अंदर मन में ऐसे ही परिवर्तन होने लगते हैं उसके विचार उसके मस्तिष्क में समा जाते हैं और मस्तिष्क वैसे ही तरंगे भेजना लगता है और उसका प्रभाव आपके सूक्ष्म शरीर पर पड़ता है जैसे ही प्रभाव आपकी  सूक्ष्म शरीर में शरीर पर पड़ता है फिर वही प्रभाव आपके बाहरी शरीर पर भी पड़ता है

और इस प्रकार कमजोर और ऐसी विचार जो आपको और भी कमजोर बनाते हो दिन प्रतिदिन साल महीने और साल दर साल लगातार सोचने से व्यक्ति धीरे-धीरे वैसा ही बन जाता है या वैसा ही परिवर्तन आता जाता है क्योंकि विचार से आप वैसा ही काम करने लगते हैं या वैसे ही कर्म के प्रति अग्रसर होते हैं

यदि मनुष्य अच्छे और शुभ विचार करें तो उसकी दशा बहुत ही शीघ्र बदल सकती है यही नियम सबके साथ लागू होता है यदि कोई स्त्री पुरुष निर्धनता का विचार करते हैं और उसी का दिन भर बातचीत किया करते हैं तब निर्धनता उनके करीब आ सकती है या कई बार आ जाती है

आपने कई लोगों से सुना होगा कि केवल विचार को परिवर्तन करके क्या होगा लेकिन विचार के परिवर्तन से बहुत कुछ फर्क पड़ता है और विचार का परिवर्तन ही पहली सीढ़ी है जैसे मान लीजिए एक व्यक्ति नॉनवेज खाता है एक व्यक्ति नहीं खाता है इनमें कर्म का नहीं इनमें विचार का अंतर है केवल विचार के अंतर से ही एक व्यक्ति शुद्ध शाकाहारी है और एक व्यक्ति शाकाहार और मांसाहार दोनों सेवन करता है

आपने बहुत से उदाहरण देखें होंगे आप अपने बचपन से देख लीजिए जब स्कूल में बच्चे पढ़ने जाते हैं तब उसमें से कुछ बच्चे टॉपर रहते हैं और कुछ बच्चे पढ़ाई में कमजोर रहते हैं यदि आप अध्ययन में पाएंगे तब आप देखेंगे कि जो बच्चा पढ़ाई में टॉपर है और जो बच्चा कमजोर है दोनों के बुद्धि और स्वास्थ्य में कोई भी कमी नहीं है दोनों का बुद्धि और स्वास्थ्य बराबर है और कई बार ऐसा देखा जाता है कि जो पढ़ाई में कमजोर है उनकी बुद्धि तो और भी ज्यादा तेज पाई गई है

लेकिन ऐसा क्या हुआ या ऐसे क्या हो जाता है कि एक बच्चा टॉपर है और एक बच्चा पढ़ाई में कमजोर है यह केवल पढ़ाई में मेहनत कम करने या ज्यादा करने के कारण नहीं यह केवल उनके विचार का अंतर है जब कोई भी विचार करता है और विचार करके उसको अपने मन और मस्तिष्क में बसा लेता है तब उसके लिए वह चीज कार्य करने लगती है

इसी प्रकार आपने देखा होगा जो इस भारत का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है जिसे हम यूपीएससी बोलते हैं जिसे पढ़कर लोग बड़े-बड़े अधिकारी बनते हैं यदि आप इनका अध्ययन करेंगे जो लोग बड़े-बड़े अधिकारी बने हैं यूपीएससी में सेलेक्ट होकर उनमें से आप देखेंगे आप मैक्सिमम लोग तो बचपन से टॉपर थे ही नहीं उनमें से बहुत से लोग सामान्य पढ़ने वाले ही थे और आज भी यूपीएससी में जितने भी लोग सिलेक्ट होते हैं.

 उसमें टॉपर की संख्या केवल 15 से 20% ही होती है और 80% ऐसी स्त्री पुरुष बड़े-बड़े अधिकारी बनते हैं जो एक सामान्य पढ़ाई के दर्जे के थे कहने का मतलब है उनकी पढ़ाई औसत थी, लेकिन बड़े-बड़े टॉपर भी बड़े-बड़े अधिकारी आदि नहीं बन पाए इसको देखा गया इसका क्या कारण है इसका कारण है विचार उनके विचार क्या है और वह क्या बनना चाहते हैं विचार ही एक ऐसी चीज है जो एक ऊर्जा की तरह कार्य करती है और आप एक अलग प्रकार से कार्य करने की इच्छा रखते हो

मित्रों जैसे किसी एक लेखक ने कहा है यदि आप जानते हो कि आपको पेंटिंग बनाने नहीं आती फिर भी यदि आप मन में विचार करके कोशिश करो कि आप पेंटिंग रोज बनाओगे और रोज पेंटिंग बनाने का कोशिश करो तब कुछ ही महीने में आपके साथ ऐसा होगा कि आपको पेंटिंग बनाना अच्छा लगेगा और आप धीरे-धीरे एक अच्छे पेंटिंग बनाने वाले बन जाओगे

इस प्रकार जो भी लोग जो लोग जीवन में सक्सेस होते हैं चाहे बहुत ज्यादा धन कमाना हो चाहे किसी ऊंचे पद पर जाना हो या आपको आध्यात्मिक कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करना हो जैसे पुराने ऋषि मुनि आदि भगवान का दर्शन भी कर लेते थे यदि आप यह सब अपने अंतर मन से अध्ययन करोगे तब पाओगे कि यह सब कार्य तो साधारण मनुष्य के लिए असंभव है क्योंकि जो मनुष्य ऐसा विचार नहीं करता है और विचार करने के बाद उन्होंने ऐसा काम नहीं किया उसके लिए वह चीज असंभव बन जाती है

आपके विचार आपके लिए पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं आप यदि जिस चीज को पाना चाहते हैं उसे चीज के लिए अपने विचार को निश्चय कर लीजिए और मन और मस्तिष्क में उसको बैठा लीजिए उसको अपने अंदर तक सीमित रखिए और उसे पर चुपचाप कार्य करने लगो है, क्योंकि कई बार हमें अपने विचार लोगो से बताते हैं तब लोग मजाक उड़ाने लगते हैं और व्यक्ति डी मोटिवेशनल हो जाता है इसीलिए शुरू-शुरू में अपने विचार को अपने मन में रखकर उसमें कार्य करना चाहिए और जब आगे बढ़ जाए तब अपने विचार कुछ लोगों को बता सकते हैं

अपने जीवन में बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा या बहुत से ऐसे लोगों की कहानी सुनी होगी जिन्होंने अपने जीवन में असंभव कार्य किया है सब लोग समझते थे कि ये  स्त्री पुरुष अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा लेकिन उन्होंने करके दिखा दिया यह केवल उनके विचार का फल है मित्रों इस प्रकार आप जानते हो कि विचार पारस पत्थर की तरह कार्य करते हैं और सदा अच्छे विचार रखो और अच्छे विचार से आप धीरे-धीरे अच्छे कार्य की और बढ़ाने लगोगे और अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान करोगे जो आपको अधिक सुखी और समृद्धि बना सके

 

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