अपने विचार से इच्छित वस्तु आदि की प्राप्ति

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अपने विचार से इच्छित वस्तु आदि की प्राप्ति.
अपने विचार से इच्छित वस्तु आदि की प्राप्ति.

 

 

अपने विचार से इच्छित वस्तु आदि की प्राप्ति 

सभी मनुष्य सुख और शांति की खोज में लगे रहते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अपने विचार को शक्तिशाली बनाने की जरूरत है, यदि आप अपने विचार को शक्तिशाली बनाकर अपने लिए प्रयोग करेंगे तो इसका उपयोग आपकी उन्नति के लिए होगा और यदि आप इसका उपयोग गलत तरीके से करेंगे तो इसका प्रयोग आपके अवनति के लिए भी हो सकता है.

आपके अंदर जो विचारों की शक्ति पहले से मौजूद है आप उससे अनजान हैं, या बहुत से लोग अनजान हो सकते हैं, प्राचीन समय में गुरु लोग अपने शिष्यों को विचारों की शक्ति कैसे उपयोग किया जाए इस चीज को बताते थे

विचारों की शक्ति से आप जैसा चाहे वैसा बन जाते हैं इसकी शक्ति बहुत ही प्रबल है कोई भी स्त्री अथवा पुरुष जैसा सोचता है वह धीरे-धीरे वैसा ही बन जाता है या उसके साथ वैसा ही घटित होने लगता है

प्रत्येक मनुष्य का विचार उसके जीवन का निर्माता और उसका कर्ताधर्ता है यह बात विचित्र जरूर मालूम होती है लेकिन बिल्कुल भी सत्य हैं किंतु सभी मनुष्य इसका ध्यान नहीं रख पाते जबकि प्राचीन समय में सभी धर्म गुरुओं ने इसकी शिक्षा दी है

भगवान बुद्ध ने भी इस प्रकार अपने शिष्यों को शिक्षा दी थी जो विचार हमारे मस्तिष्क में है और जिसको हमने बनाया है विचारों के अनुसार ही हम बन गए हैं

यदि मनुष्य के विचार छोटे और बेकार हैं तो उसके पीछे दुख और क्लेश इस प्रकार लगा हुआ रहता है जैसे बैल के पीछे पहिया लगा हुआ रहता है लेकिन यदि मनुष्य शुद्ध और पवित्र विचारों के साथ जीवन यापन करें तो सुख उसका साथ देता है

जैसा आप इसको इस प्रकार समझ सकते हैं जैसा मन लीजिए कि आपने धान का पौधा लगाया समय आने पर आपको जब उसमें फसल ही मिलेगी इस प्रकार जो हम विचार करते हैं और उसी के प्रकार हमारा कार्य बन जाता है और उसी प्रकार हमें जीवन प्राप्त होता है

विचार के अनुसार या अपने विचार को बदलकर मनुष्य अपने स्वयं का निर्माण कर सकता है और उसी के कारण आज बड़े-बड़े यंत्र और आधुनिक मशीनों का आविष्कार हुआ है और चिकित्सा पद्धति का भी आविष्कार उसी की देन है

इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि जो हम आज हैं वह हमारे विचार के कारण है क्योंकि हमने अपने विचार के कारण उसे प्रकार कम किया जिस चीज को आज हम सुख या दुख के रूप में भोग रहे हैं इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि आने वाले समय को सुधारने के लिए हम अपने विचार में परिवर्तन लाकर अपने कर्म में परिवर्तन ला सकते हैं जिससे आगे का जीवन हमारा सुख और समृद्ध बना सके और हमें सुख प्राप्त हो

किसी भी आध्यात्मिक  में भी ऐसी बातें देखने को मिल जाती है कि जो भी मनुष्य आज है वह अपने पूर्व कर्मों के कारण इस प्रकार का है

यदि कोई भी स्त्री पुरुष ज्ञान और शक्ति प्राप्त करना चाहता है या कोई भी ऐसा चीज प्राप्त करना चाहता है जो विशेष है तब दिन-रात आप इसका चिंतन करें पवित्र और शुद्ध विचारों से ज्योति की तरह निरंतर उसका ध्यान लगा रहे हैं और उसी को अपना अभीष्ट मानकर अपने जीवन के कर्म को करते रहें और अपने विचार में डटे रहें आप देखेंगे एक दिन आपकी इच्छा पूरी होती हुई नजर आएगी और आपको ऐसा रास्ता मिल जाएगा जिससे आप अपनी मनचाही जगह को पा लेंगे या मनचाही वस्तु को प्राप्त कर लेंगे

किसी लेखक ने कहा है जितना दिल विश्वास आपका रहेगा वर्तमान समय में भविष्य का निर्माण इस प्रकार होगा आप जिसे प्राप्त करना चाहते हैं दिन प्रतिदिन उसका अनुभव कीजिए और वह आपको एक दिन जीवन में आश्चर्यजनक वरदान की तरह प्राप्त हो जाएगा

लेकिन इसमें इच्छा शक्ति को समझना आवश्यक है कभी-कभी होता है कि कभी किसी की इच्छा पूर्ण नहीं होती इसका अर्थ है कि वह पूर्व कर्मों का फल है या पूर्व में जो इच्छा करके काम किया था उसका फल है लेकिन व्यक्ति को आगे के लिए अपने जीवन को सुख में बनाने के लिए अच्छे विचार के साथ अग्रसर होना चाहिए

दृढ़ इच्छा प्रतिज्ञा करने पर प्रकृति भी उसके लिए रास्ते को सुगम मार्ग बना देती है और बड़ी-बड़ी बाधा को हटाने लगती है जैसे बहुत सारी नदियां समुद्र में मिलती है लेकिन समुद्र को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता इस प्रकार जो  दृढ़  इच्छा लेकर के कोई भी कार्य करता है उसके मार्ग  में बढ़ाएं उसको विचलित नहीं कर पाती और वह आगे बढ़ जाता है

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बाहरी चीज़ो का असर अपने ऊपर ना पड़ने दो और आगे बढ़ो

 

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