गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

pathgyan.com में आप सभी लोगों का स्वागत है,गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी, इस संसार में किसी भी स्त्री के लिए मां बनना बहुत बड़ी बात है और ईश्वर के बाद मां शब्द ही आता है, गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बताई जा रही है जो आप लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी, इसमें गर्भावस्था के लक्षण दिए गए जिन पर क्लिक करके आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

 

गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
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  • संतुलित आहार लें, जिसमें भरपूर मात्रा में फल सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन के स्रोत शामिल हो.
  • अपने चिकित्सक द्वारा बताए गए नियम के अनुसार व्यायाम करें, और चिकित्सक के बताये अनुसार भोजन ले.
  • इस दौरान जरूरी विटामिन ले
  • आराम करें और तनाव से बचने की कोशिश करें
  • पानी और तरल पदार्थ पीकर हाइड्रेट रहे
  • इस दौरान शराब तंबाकू नशीले पदार्थ से बचें
  • इस दौरान अपने साथ सेवा प्रदाता(डॉक्टर) की सलाह का पालन करें जिसकी आवश्यकता हो
  • यदि कोई भी संकेत और लक्षण जो आपको अनुचित लगे तुरंत चिकित्सक की सलाह लें
  • अपने वजन को संतुलित रखें, गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक वजन बढ़ जाना है या कम हो जाना उचित नहीं
  • अपने बच्चे की हरकतों पर नजर रखें, बच्चे पेट के अंदर जो भी एक्टिविटी करें, इसके संबंध में जानकारी अपने चिकित्सक से लेते रहें
  • इस दौरान कोई भी दवा अपनी मर्जी ना ले डॉक्टर से पूछने के बाद भी कोई भी दवा ले
  • इस दौरान साफ सफाई का ध्यान रखें अपने कपड़ों और सोने के बिस्तर को साफ सफाई रखें, शौचालय जाने के बाद हाथ पैर अच्छे से धोकर रखें
  • गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए क्या नहीं इसकी जानकारी चिकित्सक से ले, इस दौरान अधपका कच्चा मांस, कच्चा मछली खाने से बचना चाहिए
  • हानिकारक पदार्थों से दूर रहें, जैसे कीटनाशक या केमिकल, जिसकी जहरीली खुशबू आपके शरीर के अंदर जाती है
  • अपने आप को भावनात्मक रूप से मजबूत रखें, इस अवस्था में आपको तनाव भी हो सकता है इसलिए, परिवार मित्रों के साथ रहकर तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें

 

यहां कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए जा रहे हैं जो आप लोगों के लिए उपयोगी साबित होंगे

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण/गर्भ ठहरने के लक्षण क्या है
  • अंडा फटना गर्भ अवस्था का शुरुवाती लक्षण है, इसमें आपको थकान महसूस होता है, शरीर में दर्द भी बना रह सकता है.
  • इसमें आपके यूरिन के रंग में भी बदलाव दिखाई देता है.
  • हार्मोन परिवर्तन के कारण, स्तनों में दर्द सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है.
  • स्वाद और गंध का अलग तरीके से अनुभव होना
  • इस अवस्था में शुरुआत में चक्कर आते हैं, और हल्की-फुल्की उल्टी के लक्षण और बुखार और कमजोरी, या बेहोश होने वाली अवस्था
  • कभी-कभी पेट में मरोड़ या दर्द भी हो सकती है, पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है
  • ऐसे समय में कब्ज और गैस भी हो सकता है असमय
  • इसमें शरीर का तापमान वरना सामान्य से ज्यादा रहना जैसे कि आप को बुखार हो और हाथ पैरों में दर्द और सिर में दर्द भी बना रह सकता है
  • खाने की इच्छा में परिवर्तन होना कभी-कभी खाने की इच्छा में भी परिवर्तन हो जाता है जैसे कई लोगों को मीठा खाना पसंद नहीं होता लेकिन मीठा भी खाना अच्छा लगता है, इसी प्रकार खट्टा कसैला आदि
  • जैसे आप सभी जानते हैं पीरियड्स इस अवस्था में रुक जाते हैं
  • हार्मोन प्रतिक्रिया के कारण गर्भाशय बढ़ने के कारण यूरिन बार-बार आ सकता है
  • कमर में दर्द रह सकता है और यौन इच्छा में बढ़ोतरी भी हो सकती है
  • इसमें आपका अचानक मूड भी बदल सकता है जैसे कभी-कभी जो चीज पसंद नहीं हुआ वह अच्छी लगने लगती है
  • इसमें जनन अंग से स्त्राव वृद्धि देखी जा सकती है
  • इसमें कभी-कभी निप्पल के आसपास का क्षेत्र काला भी हो सकता है

 

क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है

निम्नलिखित चीज खाने से गर्भ नहीं ठहरता,

  •  पपीता यदि पपीते का सेवन आप करते हैं तब आप अनचाहे गर्भ से बच जाएंगे, पपीते के बीजों का सेवन, इसके बीजों को मिक्सी में पीसकर थोड़ा सा पानी डालकर शक्कर के साथ ले सकते हैं.
  • सोठ के लड्डू, आजकल बाजार में बना बनाया, सोठ के लड्डू मिलते हैं, इसमें काली मिर्च, सोठ आदि चीजों का मिश्रण होता है, जो बहुत गर्म होता है, इसे भी उपयोग में लाया जा सकता है अनचाहे गर्भ से बचने के लिए.
  • इसी प्रकार काली मिर्च, और सोठ की चाय भी उपयोग में लाया जा सकता है
  • इसका उपयोग तुरंत करना चाहिए, जैसी आपको लगे की सुरक्षा में चूक हो गई है, उसके दूसरे दिन से इस चीज का प्रयोग कर सकते हैं
  • यदि कोई डर लगे तो डॉक्टर की सलाह ले

 

गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है

गर्भ आमतौर पर समागम के 6 से 12 दिनों बाद ही होता है, इसलिए इतने दिनों बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं, प्रेगनेंसी टेस्ट हमेशा हंड्रेड परसेंट सटीक नहीं होता, इस टेस्ट में भी कभी-कभी गलतियां हो सकती हैं, इसलिए इसके बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर बता सकते हैं.

क्योंकि यहां टेस्ट आपके अवस्था के आधार पर बताया जाता है.

 

चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण
  • आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, लड़का पेट में होने पर, दाएं तरफ का स्तन का आकार ज्यादा बड़ा हो जाता है,
  • कभी-कभी उल्टी में कमी का लक्षण होना, पैरों का ठंडा रहना, गहरे रंग का यूरिन होना
  • दाया पैर, दाया पेट की ओर दबाव बने रहना।
  • बाए करवट की ओर सोना जो महिला प्रेग्नेंट है.

 

गर्भ में बेटी होने के लक्षण

बेटी होने के लक्षण में, बाया स्तन का आकार बढ़ जाना, ज्यादा उल्टी होना, चेहरे आंखों के आसपास की खूबसूरती बड जाना, बाएं तरफ सोने का मन करना, मीठी चीजों के प्रति आकर्षण, मूड में विशेष बदलाव,

इसमें आपका पेट गोल नहीं रहेगा  लंबा रहेगा यह सब लक्षण दिखाई दे सकते हैं

 

गर्भ कब नहीं ठहरता है

पीरियड के दौरान समागम करने पर भी गर्भ ठहर सकता है, पीरियड्स आने के समय से 16 दिन तक, समागम करने से बचना चाहिए, इस दिन को छोड़कर दूसरे दिन समागम करने से गर्भ नहीं ठहरता

 

गर्भ में लड़के की हलचल

गर्भ में लड़के की हलचल, इसमें शिशु नीचे की ओर और कुछ दाएं तरफ होता है, दाएं तरफ का स्तन बढ़ जाता है, उल्टी आदि की समस्या कम होती है, पैरों में ठंडापन रहता है.

सातवें माह से चेहरे में रूखापन, आठवें महीने में चेहरे का मुरझा जाना, चेहरे की कांति थोड़ी कम हो जाना, यह सब गर्भ में लड़के की हलचल के बारे में बताते हैं,दाया पैर, दाया पेट की ओर दबाव बने रहना। दाये करवट की ओर सोना जो महिला प्रेग्नेंट है.

 

गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह

गर्भावस्था के लक्षण 1 सप्ताह, गर्भावस्था के लक्षण 1 सप्ताह में चक्कर आना, उल्टी आना जी का मचलना कमर दर्द हल्का बुखार इस तरह की कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

 लेकिन यहां सब अलग-अलग होता है जैसे बहुत से स्त्रियों को शुरुआती दिनों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, और बहुत सही स्त्रियों को शुरुआती दिनों में लक्षण दिखाई देते हैं, यह अलग-अलग शारीरिक संरचना के आधार पर, और अलग अलग तरीके के हारमोंस परिवर्तन के कारण होता है, अतः सबसे अच्छा और उचित उपाय हैं की प्रेगनेंसी टेस्ट कराया जाए

 

गर्भ ठहरने की विधि

पीरियड्स चालू होने के 16 वे दिन तक समागम करने से गर्भ ठहरता है.

 

गर्भ में लड़का किस साइड रहता है राइट या लेफ्ट

गर्भ में यदि लड़का हो तो, वह नीचे की ओर राइट साइड में रहता है,ऐसा बहुत बार देखा गया है. लेकिन बच्चे की स्थिति में परिवर्तन होते रहता है. 

 

गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षण बताइए/गर्भ में लड़का होने के लक्षण
  • गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षण
  • पैरों का ठंडा रहना
  • उल्टी आदि की समस्या कम होना
  • सीधे हाथ की तरफ स्तन का आकार बड़ा जाना
  • सातवें महीने से चेहरे की कांति कम हो जाना

 

गर्भावस्था के लक्षण/गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह
  • इसमें आपको थकान महसूस होता है, शरीर में दर्द भी बना रह सकता है.
  • इसमें आपके यूरिन के रंग में भी बदलाव दिखाई देता है.
  • हार्मोन परिवर्तन के कारण, स्तनों में दर्द सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है.
  • स्वाद और गंध का अलग तरीके से अनुभव होना
  • इस अवस्था में शुरुआत में चक्कर आते हैं, और हल्की-फुल्की उल्टी के लक्षण और बुखार और कमजोरी, या बेहोश होने वाली अवस्था
  • कभी-कभी पेट में मरोड़ या दर्द भी हो सकती है, पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है
  • ऐसे समय में कब्ज और गैस भी हो सकता है असमय
  • इसमें शरीर का तापमान वरना सामान्य से ज्यादा रहना जैसे कि आप को बुखार हो और हाथ पैरों में दर्द और सिर में दर्द भी बना रह सकता है
  • खाने की इच्छा में परिवर्तन होना कभी-कभी खाने की इच्छा में भी परिवर्तन हो जाता है जैसे कई लोगों को मीठा खाना पसंद नहीं होता लेकिन मीठा भी खाना अच्छा लगता है, इसी प्रकार खट्टा कसैला आदि
  • जैसे आप सभी जानते हैं पीरियड्स इस अवस्था में रुक जाते हैं
  • हार्मोन प्रतिक्रिया के कारण गर्भाशय बढ़ने के कारण यूरिन बार-बार आ सकता है
  • कमर में दर्द रह सकता है और यौन इच्छा में बढ़ोतरी भी हो सकती है
  • इसमें आपका अचानक मूड भी बदल सकता है जैसे कभी-कभी जो चीज पसंद नहीं हुआ वह अच्छी लगने लगती है
  • इसमें जनन अंग से स्त्राव वृद्धि देखी जा सकती है
  • इसमें कभी-कभी निप्पल के आसपास का क्षेत्र काला भी हो सकता है

 

3 महीने गर्भावस्था लड़का लक्षण

3 महीने की गर्भावस्था में, यदि सीधे हाथ की तरफ स्तन का आकार बड़ जाए, और सीधे हाथ की तरफ सोने का मन लगे, इस लक्षण से बालक शिशु  होने का चांस रहता है

 

1 महीने गर्भावस्था के लक्षण/एक महीने की प्रेगनेंसी के लक्षण
  • इसमें आपको थकान महसूस होता है, शरीर में दर्द भी बना रह सकता है.
  • इसमें आपके यूरिन के रंग में भी बदलाव दिखाई देता है.
  • हार्मोन परिवर्तन के कारण, स्तनों में दर्द सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है.
  • स्वाद और गंध का अलग तरीके से अनुभव होना
  • इस अवस्था में शुरुआत में चक्कर आते हैं, और हल्की-फुल्की उल्टी के लक्षण और बुखार और कमजोरी, या बेहोश होने वाली अवस्था
  • कभी-कभी पेट में मरोड़ या दर्द भी हो सकती है, पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है
  • ऐसे समय में कब्ज और गैस भी हो सकता है असमय
  • इसमें शरीर का तापमान वरना सामान्य से ज्यादा रहना जैसे कि आप को बुखार हो और हाथ पैरों में दर्द और सिर में दर्द भी बना रह सकता है
  • खाने की इच्छा में परिवर्तन होना कभी-कभी खाने की इच्छा में भी परिवर्तन हो जाता है जैसे कई लोगों को मीठा खाना पसंद नहीं होता लेकिन मीठा भी खाना अच्छा लगता है, इसी प्रकार खट्टा कसैला आदि
  • जैसे आप सभी जानते हैं पीरियड्स इस अवस्था में रुक जाते हैं
  • हार्मोन प्रतिक्रिया के कारण गर्भाशय बढ़ने के कारण यूरिन बार-बार आ सकता है
  • कमर में दर्द रह सकता है और यौन इच्छा में बढ़ोतरी भी हो सकती है
  • इसमें आपका अचानक मूड भी बदल सकता है जैसे कभी-कभी जो चीज पसंद नहीं हुआ वह अच्छी लगने लगती है
  • इसमें जनन अंग से स्त्राव वृद्धि देखी जा सकती है
  • इसमें कभी-कभी निप्पल के आसपास का क्षेत्र काला भी हो सकता है

 

7 महीने गर्भावस्था बच्चा लड़का लक्षण

7 महीने में निप्पल का रंग चेंज हो जाना, शिशु का दाएं तरफ रहना, दाए स्तन का आकार बड़ जाना, लड़का के लक्षण हो सकते हैं.

 

गर्भावस्था में बच्चे के लड़के का सही लक्षण

गर्भावस्था में बच्चे लड़के होने का लक्षण शास्त्रों में जो लिखी गई है, सीधे स्तनों का बढ़ जाना, दाएं तरफ का, उल्टी कम होना और चेहरा फिका पड़ जाना यह सब लक्षण हो सकते हैं,और दाए ओर सोने का मन करना।

 

गर्भावस्था के 5 महीने में बच्चे की स्थिति

पांचवे महीने में बच्चे की सभी जरूरी अंग बन जाते हैं, बच्चे का विकास तेजी से होता है, और बच्चा 10 से 12 इंच लंबा हो जाता है, और इसका वजन 300 से 400 ग्राम की बीच में होता है, लात मारने और हाथ पैर चलाने की हरकतें करने लगते हैं, इस अवस्था में बच्चा स्वाद और अपनी भावनाओं को भी विकसित करता है और स्वाद का भी जवाब देने में सक्षम हो जाता है

 

गर्भावस्था के 6 महीने में बच्चा लड़का के लक्षण

गर्भावस्था के छठे महीने में गर्भावस्था में यदि लड़का हो, तब मातृ के सीधे हाथ की तरफ स्तन का आकार बढ़ जाता है, शिशु नीचे की तरफ दाएं तरफ रहता है, चेहरे की कांति कम हो जाती है, इस प्रकार लक्षण ज्ञात कर सकते हैं

 

माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है/पीरियड खत्म होने के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है

माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ ठहर सकता है, इस संबंध में कुछ डॉक्टरों की अलग-अलग राय है, लेकिन सभी डॉक्टर मानते हैं महावारी चालू होने के दिन से भी गर्भ ठहर सकता है, ऐसा भी देखा गया है,अतः महावारी चालू होने के दिन से लेकर 16 वे दिन तक गर्भ ठहर सकता है. सामान्यतः पीरियड खत्म होने के और शुरू होने के बीच के समय को लिए जाता है.

जैसे मान लीजिए 1 जनवरी को पीरियड चालू हुवा, 6 वें दिनों से 16 वें दिन के बीच  गर्भ ठहर सकता है.

 

2 सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण

2 सप्ताह में गर्भावस्था के लक्षण, इसमें अलग-अलग महिलाओं में इसका अलग-अलग असर होता है बहुत-सी महिलाओं को तो 1 महीने तक पता ही नहीं चलता कि वह प्रेग्नेंट है, 2 सप्ताह के गर्भ में वही लक्षण होते हैं जो एक सामान्य तक प्रेग्नेंट महिला को होता है, लेकिन इसमें समानता बुखार, कमजोरी और चक्कर आना और मूवीस चेंज शामिल है.

 

गर्भ निरोधक टेबलेट कब ले

गर्भ निरोधक टेबलेट, आपको लगातार जब आप संबंध बनाते हैं, उस दिन से रोज लेना पड़ता है, और आपको लगातार लेना पड़ता है रोज इसको आप मिस नहीं कर सकते, और यदि आप फिर से प्रेग्नेंट होना चाहती है, तभी इस गोली को 6 महीने से साल भर पहले छोड़ना पड़ता है, क्योंकि जो लोग गोली खाते हैं, गोली छोड़ने के 6 महीने से साल भर के बाद शरीर सामान्य अवस्था में आ पाता है. यदि फिर से प्रेगनेंट होना चाहते है तब.

 

4 महीने गर्भावस्था बच्चा लड़का लक्षण/गर्भावस्था के 9 माह में बच्चा लड़का के लक्षण

आयुर्वेदिक बुक के अनुसार, यदि सीधे हाथ की तरफ का स्तन ज्यादा बड़ा हो, लड़का होने के लक्षण दिखाई देते हैं, और भी अन्य नियम है लेकिन वह 4 महीने में लागू नहीं होते, 9 माह में बच्चे दाए ओर अनुभव होता है, दाया पैर आदि. 

 

गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती है

गर्भ में लड़के की धड़कन 120-160 बिट्स पर मिनिट होती है.

 

गर्भ में जीव कब आता है/गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है

इस संबंध में अलग-अलग विद्वानों का अलग-अलग मत है, लेकिन आज की वैज्ञानिक मानते हैं कि, 40 से 45 दिन हो जाने पर जीवात्मा प्रवेश कर जाती है, शास्त्रों में 6 महीने के बाद बताया गया है, कुछ योग सूत्रों में शुरू से ही जीवात्मा का प्रवेश बताया गया है, फिर भी आधुनिक वैज्ञानिकों के मत को ज्यादा प्रभाव कारी मान सकते हैं, क्योंकि आजकल विज्ञान जिसको प्रूफ कर लेता है वही मान्य होता है

 

गर्भ में पुत्र या पुत्री कैसे पता करें

गर्भ में पुत्र या पुत्री है, इसको कुछ सिद्धांतों के द्वारा समझ सकते, जो शास्त्रों में लिखे गए, पुत्र होने पर चेहरे की चमक फीकी पड़ जाती है, और दाया स्तन छोटा और बाया स्तन बड़ा हो जाता है, पुत्र होने पर पेट के नीचे तरफ बाहर रहता है और शिशु दाएं तरफ अधिक रहता है, इस प्रकार लक्षणों से ज्ञात किया जा सकता है. ठीक इसका उल्टा होने पर पुत्री होने के लक्षण हो सकते हैं.

 

2 महीने गर्भावस्था के लक्षण

2 महीने की गर्भावस्था में, उल्टी थकान, स्तनों में बदलाव, मिजाज में परिवर्तन, कब्ज, यूरिन की मात्रा बढ़ जाना, कमर दर्द इस प्रकार की समस्या देखने को मिलती है या अलग अलग स्त्रियों में अलग अलग होता है, 2 महीने में 

 

8 महीने गर्भावस्था में पेट दर्द

इस अवस्था में पेट दर्द होना आम बात है, आठवें महीने के साथ किसी भी अवस्था में दर्द हो सकता है, क्योंकि इस अवस्था में कब्ज, गैस सूजन, यूरिन में संक्रमण, पेट के अंदर खींचाव जैसी समस्या देखने को मिलती है, इसमें भी सबके साथ अलग-अलग कारण हो सकते हैं.

 

गर्भावस्था में सीढ़ी चढ़ना
  • गर्भावस्था में सीढ़ी चढ़ना, यदि आप सीढ़ी चढ़ने और उतरने में सहज महसूस करती हैं, तब आपको और आपके बच्चे को कोई भी समस्या नहीं होगी, इसमें कुछ सावधानियां रख सकते हैं, और सामान्य सीढ़ी चढ़ने और उतरने में सामान्यता, समस्या नहीं देखि गई है.
  • सीढ़ी चढ़ने और  उतरने में रेलिंग का प्रयोग करें, जल्दबाजी से बचें, अपना ध्यान सीढ़ियों में ही रखें।
  • अच्छी पकड़ वाले आरामदायक जूते पहने, सीढ़ियां चढ़ते समय भारी सामान उठाने से बचें, यदि थक जाएं तो रुक कर आराम करें फिर जाए, अपना संतुलन बनाए रखें, जो सीढ़ियां खराब पोजीशन में हो उसमें ज्यादा सावधानी रखें।
  • सीढ़ियों में पानी होना चिकनाई होना इसको चेक करने के बाद ही पर रखें, सीढ़ियों में रेलिंग होना बहुत जरूरी है, रेलिंग ना होने पर आपको विशेष सावधानी रखनी चाहिए
  • यदि सुरक्षित तरीके से सामान्य रूप से यदि आप सीढ़ी चढ़ते और उतरते हैं तो ऐसे करने में कोई भी समस्या नहीं देखी गई है

 

सातवें महीने में गर्भ में बच्चे की स्थिति

सातवें महीने में बच्चा आमतौर पर सिर नीचे करके रहता है, और आपकी कमर की तरफ शिशु का पीठ रहता है, क्योंकि इस अवस्था में बच्चे के लिए ऐसा पोजीशन उसके लिए ज्यादा अच्छा रहता है.

 

3 सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण

इस अवस्था में परिवर्तन होता रहता है, क्योंकि बच्चा पेट के अंदर घूमता रहता है, बच्चे अपनी स्थिति बार-बार बदल सकते हैं, और जन्म के पहले बार-बार स्थिति को बदलना एक सामान्य सी बात है जो सभी शिशु करते हैं,

इसमें अलग-अलग महिलाओं पर अलग-अलग बच्चों का पोजीशन दिखा गया है यह बहुत से कारण पर निर्भर करता है जैसे मां का आकार शिशु का आकार आदि

3 सप्ताह का गर्भ में कई बार कई महिलाओं को कोई लक्षण दिखाई नहीं देता, और बहुत-सी महिलाओं को लक्षण दिखाई देता है, इसमें थकान कमर दर्द हल्का बुखार कमजोरी चक्कर आना भोजन के रूचि में बदलाव शामिल है, इसमें यहां ध्यान रखने योग्य बात है कि अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग स्थिति को देखा गया है इसमें अलग-अलग स्थिति सबके लिए अलग-अलग हो सकती है.

 

गर्भ निरोधक उपाय/गर्भ न ठहरने की दवा

प्राकृतिक तरीके से, गर्भनिरोधक के रूप में, पपीते का सेवन, अंजीर का सेवन, सोठ के लड्डू खा सकते हैं, यह सोठ काली मिर्च वाली चाय, लेकिन यह उपाय गलती हो जाने पर तुरंत करें, ज्यादा समय बीत जाने पर प्रेगनेंसी टेस्ट करा कर डॉक्टर की सलाह लें. यहां पर किसी विशेष दवा का नाम नहीं दिया जा रहा है पाठक माताओं और बहनों के बचाव के लिए क्योंकि दवा लेने में डॉक्टर की सलाह जरूरी है.

 

गर्भावस्था के 4 वें महीने में उल्टी
  • गर्भावस्था के चौथे महीने में उल्टी होना एक आम बात है, और यह अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग होता है,
  • ऐसी अवस्था में भोजन थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार ले,
  • ऐसे पदार्थ जिनको खाने से उल्टी आती है उसको खाने से बचें
  • तरल पदार्थ ले
  • अराम करे और तनाव से बचें
  • इस अवस्था में डॉक्टर कुछ दवाई भी देते हैं, लेकिन यहां अलग-अलग स्त्रियों पर अलग-अलग प्रभाव के कारण, अलग-अलग प्रकार की दवाइयां दी जाती है इसलिए यहां पर किसी विशेष दवा का नाम नहीं दिया जा रहा है पाठक माताओं और बहनों के बचाव के लिए.

 

गर्भ में बच्चे की हलचल

गर्भ में बच्चे की हलचल 8 से 12 सप्ताह में शुरू होती है, और जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाता है उसकी हलचल भी बढ़ती जाती है, बच्चे का हलचल होना उसके अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है, इस अवस्था में डॉक्टर ऐसी सलाह देती है कि बच्चे की हलचल पर नजर रखें, इस संबंध में अलग-अलग महिलाओं पर अलग-अलग असर देखा गया है इसलिए इस संबंध में जो डॉक्टर आपका चेकअप कर रहे हैं वही अच्छे से बता सकते हैं

 

गर्भ में 7 महीने के बच्चे का वजन

7 महीने के बच्चे का वजन, 900 ग्राम से लेकर 350 ग्राम तक हो सकता है, इसमें अलग-अलग वजन भी हो सकता है, सभी बच्चे का वजन अलग-अलग पाया गया है

 

गर्भावस्था में पानी की कमी के लक्षण
  • पानी कमी के लक्षण में, प्यास,  मुंह सुखा रहना, सिर दर्द, यूरिन का गहरा पीलापन, कब्ज, कम यूरिन का होना,
  • इस अवस्था में महिलाओं को रोज कम से कम 8 से 10 गिलास पानी की जरूरत होती है, जो जूस और भोजन से भी प्राप्त होती रहती है
  • यदि आपको लगता है कि पानी की कमी हो सकती हैं तो आप थोड़े थोड़े समय में पानी लेते रहें, जैसे हर 1 घंटे में कम से कम एक या दो कप पानी
  • इस अवस्था में आप जूस भी थोड़ा-थोड़ा करके कई बार पी सकती है

 

गर्भ में बच्चे का वजन चार्ट

प्रत्येक बच्चा अलग होता है इसलिए चार्ट में अलग-अलग अंतर की पाया जा सकता है निम्नलिखित प्रकार से वजन चार्ट जान सकते.

सप्ताह वजन प्रकार
8th 2 ग्राम
9th 4 ग्राम
10th 4 ग्राम
11th 3 ग्राम
12th 14 ग्राम
13th 23 ग्राम
14th 43 ग्राम
15th 70 ग्राम
16th 100 ग्राम
17th 140 ग्राम
18th 190 ग्राम
19th 240 ग्राम
20th 300 ग्राम
21st 360 ग्राम
22nd 430 ग्राम
23rd 501 ग्राम
24th 600 ग्राम
25th 660 ग्राम
26th 760 ग्राम
27th 875 ग्राम
28th 1005 ग्राम
29th 1153 ग्राम
30th 1319 ग्राम
31st 1502 ग्राम
32nd 1702 ग्राम
33rd 1918 ग्राम
34th 2146 ग्राम
35th 2383 ग्राम
36th 2622 ग्राम
37th 2859 ग्राम
38th 3083 ग्राम
39th 3288 ग्राम
40th 3462 ग्राम

 

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3 thoughts on “गर्भावस्था में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी”

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