दादी नुस्खा नाभि खिसक जाना (nabhi khisak jaana)

दादी नुस्खा नाभि खिसक जाना (nabhi khisak jaana), जब नाभि अपने स्थान से खिसक जाती है या हट जाती है, तो पेट में बहुत तेज दर्द होता है, बल्कि जब तक नाभि अपने स्थान पर न आ जाए, यह दर्द बराबर बना रहता है और इस कारण दस्त लग जाते हैं। आगे को झुकने और कोई वजन आदि उठाने में भी कठिनाई होती है।

नाभि को अपने स्थान पर बिठाना चाहिए। जब नाभि अपने स्थान पर आकर सैट हो जाए, तो कुछ खाना भी अवश्य चाहिए। यदि नाभि बार-बार हट जाती है, तो उसे बार-बार बिठाने का प्रयास करते नही रहना चाहिए, क्योंकि इससे वो झूठी पड़ जाती है। एक बार नाभि (नाप) बिठाने के पश्चात् दोनों पाँवो के अँगूठो में कोई मोटा काले रंग का धागा बाँध लेना चाहिए, इससे नाभि का हटना बन्द हो जाता है।

दादी नुस्खा नाभि खिसक जाना (nabhi khisak jaana)
दादी नुस्खा नाभि खिसक जाना (nabhi khisak jaana)

 

 

दादी नुस्खा नाभि खिसक जाना (nabhi khisak jaana)

 

A. बीस ग्राम सौंफ को बीस ग्राम गुड़ में मिलाएँ और प्रातः काल खाली पेट सेवन करें। इससे अपने स्थान से हटी हुई नाभि यथा स्थान पर आ जाएगी।

 

 

B. नाभि पर सरसों का तेल मलने से नाभि के टलने, हटने अथवा खिसकने में लाभ होता है। रोग की तीव्रता होने पर रुई और ऊपर से कपडे की पट्टी बाँध ले। कुछ दिनों की इस पक्रिया से वर्षों पुराना दोष भी जाता रहता है

 

 

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